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Saturday, 25 April 2015
Friday, 8 November 2013
शाम के समय न करे ये चार काम - और दूर करे मोटापा और आलस्य - करे लक्ष्मी का स्वागत
शाम के समय न करे ये चार काम - और दूर करे मोटापा और आलस्य - करे लक्ष्मी का स्वागत
यहां 4 काम ऐसे बताए जा रहे हैं, जिन्हें शाम के समय करने पर व्यक्ति को शारीरिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
ये काम ऐसे हैं जो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालते हैं। मोटापे की समस्या हो सकती है, दिनभर आलस्य बना रह सकता है, नींद न आने की शिकायत हो सकती है, शारीरिक कमजोरी हो सकती है।
यहां 4 काम ऐसे बताए जा रहे हैं, जिन्हें शाम के समय करने पर व्यक्ति को शारीरिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
ये काम ऐसे हैं जो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालते हैं। मोटापे की समस्या हो सकती है, दिनभर आलस्य बना रह सकता है, नींद न आने की शिकायत हो सकती है, शारीरिक कमजोरी हो सकती है।
शास्त्रों के अनुसार सुखी जीवन के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है अन्यथा कई प्रकार की भयंकर परेशानियां हो सकती हैं। शास्त्रों में लिखा है कि-
वारि खलु काय्र्याणि सन्ध्याकाले विवर्जयेतï्।
आहारं मैथुनं निद्रां स्वाध्यायञ्च चतुर्थकम् ॥
इस श्लोक में चार ऐसे काम बताए गए हैं जिन्हें शाम के समय नहीं करना चाहिए। इन 4 कामो में पहला काम ये है-
पहला काम - शास्त्रों के अनुसार हमें शाम के समय भोजन नहीं करना चाहिए। खाना खाने के लिए संध्या काल सही नहीं होता है।
रात्रि के समय सोने से लगभग 2 घंटे पहले भोजन करना स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभदायक होता है। जो लोग शाम के समय भोजन करते हैं उन्हें पेट संबंधी बीमारियां जैसे अपच, गैस, पेट में जलन, पेट दर्द, कब्ज आदि हो सकती हैं। यदि किसी व्यक्ति को शाम के समय ज्यादा ही भूख लगी हो तो वह हल्का नाश्ता कर सकता है, फल या फलों का रस ले सकता है।
रात्रि के समय सोने से लगभग 2 घंटे पहले भोजन करना स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभदायक होता है। जो लोग शाम के समय भोजन करते हैं उन्हें पेट संबंधी बीमारियां जैसे अपच, गैस, पेट में जलन, पेट दर्द, कब्ज आदि हो सकती हैं। यदि किसी व्यक्ति को शाम के समय ज्यादा ही भूख लगी हो तो वह हल्का नाश्ता कर सकता है, फल या फलों का रस ले सकता है।
दूसरा काम: स्त्री और पुरुष को शाम के समय में सबसे अधिक सावधानी रखने की बात यह है कि प्रेमप्रसंग नहीं करना चाहिए। स्त्रीप्रसंग के लिए सबसे अच्छा समय रात का ही होता है और उसी समय यह कार्य किया जाना चाहिए। शाम के समय स्त्रीप्रसंग करने से स्त्री और पुरुष दोनों को ही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
शास्त्रों के अनुसार शाम के समय महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। अत: शाम के समय में यह काम करने से लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं। ऐसे में धन संबंधी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
तीसरा काम: जो लोग शाम के समय सोते हैं उन्हें अनिद्रा का रोग होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं। शाम के समय सोने से रात में नींद ठीक से नहीं आती है और व्यक्ति रातभर करवट बदलते रहता है। नींद के समय में हेरफेर होने से शरीर पर्याप्त ऊर्जा एकत्र नहीं कर पाता है, जिससे हमें कमजोरी महसूस हो सकती है, सिर दर्द, चक्कर आना आदि बीमारियां हो सकती हैं। असमय सोने से मोटापा बढऩे की संभावनाएं काफी अधिक रहती हैं।
चौथा काम: यहां दिए गए श्लोक के अनुसार शाम के समय में वेद पाठ भी नहीं किया जाना चाहिए। शाम के समय में ध्यान, पूजन आदि किया जा सकता है। इस समय में देवी-देवताओं के निमित्त ध्यान करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है और अक्षय पुण्य बढ़ता है। वेद पाठ बहुत संवेदनशील कर्म हैं, इससे चमत्कारी फल प्राप्त होते हैं। अत: गलत समय पर वेदों का पाठ नहीं किया जाना चाहिए। वेद पाठ के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय सर्वश्रेष्ठ रहता है।
यदि कोई व्यक्ति बीमारी है, वृद्ध है तो वह शाम के समय भोजन कर सकता है, सो भी सकता है। शारीरिक ऊर्जा की पूर्ति के लिए शाम के समय ये दो कार्य किए जा सकते हैं।
इस प्रकार शाम के समय भोजन, स्त्रीसंग, नींद और वेदपाठ ये चार काम नहीं करने चाहिए।
Monday, 23 September 2013
Navratri Fast recipe - Dahi Bada - नवरात्री उपवास - दही बडा
नवरात्री उपवास - दही बडा -
नवरात्री आने मे बस अब कूछ दिन हि रह गये हे. इसलिये क्यू न पहले से उपवास के समय का खाने का सारा सूची अभी से हि बना लि जाये.
चलिये तो हमारी कोशिश हे आपके स्वाद मे हर रोज कूछ नया लाने कि. आज दही बडा कि विधी यहा दे रहि हु.
सामग्री :
आधा कप पनीर,
एक कप सिंघाड़े का आटा,
1 कप उबले मैश आलू,
1 स्पून अदरक पिसा हुआ,
दरदरे पिसे काजू पाव कटोरी,
1 बारीक कटी हरी मिर्च,
2 कप फेंटा दही,
सेंधा नमक,
शक्कर,
जीरा पावडर,
अनारदाने या कोई भी सजावाट के लिये सामग्री अपनी पसंद से.
तलने के लिए पर्याप्त मात्रा में तेल।
विधि :
पनीर को कद्दूकस करके इसमें आलू, काजू, किशमिश, हरी मिर्च, अदरक व सेंधा नमक मिला लें। उसके छोटे-छोटे गोले बना लें। अब सिंघाड़े के आटे का घोल बनाएं। बड़ों को इस घोल में डुबोकर गरमा-गरम तेल में सुनहरे तल लें।
दही में शक्कर मिला लें। अब एक प्लेट में भल्ला परोस कर दही, जीरा पावडर, लाल मिर्च पावडर व अनारदाने या अपनी पसंद से सजाकर पेश करें।
नवरात्री आने मे बस अब कूछ दिन हि रह गये हे. इसलिये क्यू न पहले से उपवास के समय का खाने का सारा सूची अभी से हि बना लि जाये.
चलिये तो हमारी कोशिश हे आपके स्वाद मे हर रोज कूछ नया लाने कि. आज दही बडा कि विधी यहा दे रहि हु.
सामग्री :
आधा कप पनीर,
एक कप सिंघाड़े का आटा,
1 कप उबले मैश आलू,
1 स्पून अदरक पिसा हुआ,
दरदरे पिसे काजू पाव कटोरी,
1 बारीक कटी हरी मिर्च,
2 कप फेंटा दही,
सेंधा नमक,
शक्कर,
जीरा पावडर,
अनारदाने या कोई भी सजावाट के लिये सामग्री अपनी पसंद से.
तलने के लिए पर्याप्त मात्रा में तेल।
विधि :
पनीर को कद्दूकस करके इसमें आलू, काजू, किशमिश, हरी मिर्च, अदरक व सेंधा नमक मिला लें। उसके छोटे-छोटे गोले बना लें। अब सिंघाड़े के आटे का घोल बनाएं। बड़ों को इस घोल में डुबोकर गरमा-गरम तेल में सुनहरे तल लें।
दही में शक्कर मिला लें। अब एक प्लेट में भल्ला परोस कर दही, जीरा पावडर, लाल मिर्च पावडर व अनारदाने या अपनी पसंद से सजाकर पेश करें।
Wednesday, 17 July 2013
बेसन के गट्टे - Besan ke gatte - Rajasthani Recipe Dish
बेसन के गट्टे - Besan ke gatte
बरसात के मौसम गरम गरम गट्टे और गरम गरम घी लगी रोटी मिल जाये तो बस शाम का आनंद ही आ जाता हे. गट्टे प्रमुख रूप से राजस्थान में बनाये जाते हे पर आजकल ये पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्द हो गए हे। हर कोई इसमें अपने अलग जायके के साथ इसे बनाता हे. पर इसका स्वाद, एकदम गरम, घी में या सरसों के तेल में बने, और तेज मिर्च के होने पर आता हे.
चलिए में अपना तरीका यहाँ शेयर कर रही हु ... अप अपना बताइयेगा -
सामग्री -
गट्टे के लिए -
बेसन (Chick Pea Flour) - 1 कप
हल्दी (Turmeric Powder) - 1/2 चम्मच
मिर्च (Red Chilli) पाउडर - 1/2 चम्मच
अजवाइन (Carom Seeds) - 1 छोटा चम्मच
धनिया (Dhaniya) पाउडर - 1/2 चम्मच
नमक - स्वाद के अनुसार
दही (दही) - 1/4 कप
तेल - 1/8 कप
ग्रेवी के लिए
प्याज - 1 कप बारीक कटा
टमाटर - 1 कप बारीक कटा
अदरक - कद्दुकस 1 इंच टुकड़ा
लहसुन - कुचल 4 लौंग
दही (दही) - 1 कप
धनिया (Dhaniya) पाउडर - 1 छोटा चम्मच
जीरा (Cumin) पाउडर - 1 छोटा चम्मच
मिर्च (Red Chilli) पाउडर - 1 छोटा चम्मच
आमचूर (मैंगो पाउडर) - 1/2 चम्मच
गरम मसाला - 1/2 चम्मच
राइ (Mustard Seeds) - 1 छोटा चम्मच
जीरा (Cumin) - 1 छोटा चम्मच
नमक - स्वाद के अनुसार
तेल - 2 चम्मच
विधि -
गट्टे के लिए
बेसन में सभी सूखी मसाले मिक्स करे. अब इस मिश्रण में तेल मिलाये. धीरे धीरे दही डाले , यह ध्यान रखे की ये मिश्रण बेसन चिपचिपा न हो जाये ज्यादा. अगर ऐसा लगे तो सारा दही एक साथ न मिलाये. इसे एक आटे की तरह गूंथ ले. आटा ऐसा हो की इस आटे से बेलनाकार आकार में रोल कर के बेले तैयार हो सके. .
अब, आटा की एक छोटी सी गेंद लेकर और 1/2 इंच मोटी बेलनाकार आकार (लगभग 6 इंच लंबा) रोल बना ले. ऐसे सारे गट्टे के बेले तैयार कर ले. एक बर्तन में पानी को उबाल ले. पानी इतना ले की सारे गट्टे उस में डूब जाये. उस में सारे गट्टे डाल ले. और इसे उबलने दे. गट्टे इस पानी में उबाल कर पकाने हे। 10-15 मिनट के बाद चेक कर ले की गट्टे पके हुए हे या नही इसके लिए एक गट्टा रोले बहार निकाल कर चाकू डाल कर जाँच करें और अगर चाकू बाहर साफ आता है तो गट्टे पक गए हे. अगर नहीं तो थोड़ी देर और पकने दे.
जब गट्टे पक जाए तो उन्हें निकाल कर ठंडा होने रख दे. बचे हुए पानी को फेके नहीं इससे हम ग्रेवी बनायेंगे। गट्टे ठन्डे होने पर उन्हें आधा आधा इंच के टुकड़ो में काट ले.
ग्रेवी और मिश्रण
दही में सभी सूखी मसाला मिलये. नमक अभी नहीं मिलये. अब इस दही को अच्छी तरह से फेट ले. एक पेन में तेल दाले. इसमें राइ , जीरा दाले. जब ये तड़कने लगे तब, एक मिनट के लिए अदरक और लहसुन भूनें। अब इसमें प्याज पारदर्शी होने तक भुने. अच्छे से भूनने के बाद इसमें टमाटर दाल कर भुने. अब इसे धीमी आंच पर ढक्कन कवर कर के 2 मिनट के लिए पकने दे.२ मिनट बाद जब ग्रेवी से तेल अलग होना शुरू होता है तब इसमें दही का मिश्रण डाले . और तेज आंच पर उबाल लेने तक पकाये. अब, इस में गट्टे टुकड़े डाले और जरूरत के हिसाब से बचाया हुआ पानी इसमें डाले। कवर कर के 5 मिनट तक पकाना हे।
गरमा गरम परोसे ,सब्जी तैयार है!
बरसात के मौसम गरम गरम गट्टे और गरम गरम घी लगी रोटी मिल जाये तो बस शाम का आनंद ही आ जाता हे. गट्टे प्रमुख रूप से राजस्थान में बनाये जाते हे पर आजकल ये पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्द हो गए हे। हर कोई इसमें अपने अलग जायके के साथ इसे बनाता हे. पर इसका स्वाद, एकदम गरम, घी में या सरसों के तेल में बने, और तेज मिर्च के होने पर आता हे.
चलिए में अपना तरीका यहाँ शेयर कर रही हु ... अप अपना बताइयेगा -
सामग्री -
गट्टे के लिए -
बेसन (Chick Pea Flour) - 1 कप
हल्दी (Turmeric Powder) - 1/2 चम्मच
मिर्च (Red Chilli) पाउडर - 1/2 चम्मच
अजवाइन (Carom Seeds) - 1 छोटा चम्मच
धनिया (Dhaniya) पाउडर - 1/2 चम्मच
नमक - स्वाद के अनुसार
दही (दही) - 1/4 कप
तेल - 1/8 कप
ग्रेवी के लिए
प्याज - 1 कप बारीक कटा
टमाटर - 1 कप बारीक कटा
अदरक - कद्दुकस 1 इंच टुकड़ा
लहसुन - कुचल 4 लौंग
दही (दही) - 1 कप
धनिया (Dhaniya) पाउडर - 1 छोटा चम्मच
जीरा (Cumin) पाउडर - 1 छोटा चम्मच
मिर्च (Red Chilli) पाउडर - 1 छोटा चम्मच
आमचूर (मैंगो पाउडर) - 1/2 चम्मच
गरम मसाला - 1/2 चम्मच
राइ (Mustard Seeds) - 1 छोटा चम्मच
जीरा (Cumin) - 1 छोटा चम्मच
नमक - स्वाद के अनुसार
तेल - 2 चम्मच
विधि -
गट्टे के लिए
बेसन में सभी सूखी मसाले मिक्स करे. अब इस मिश्रण में तेल मिलाये. धीरे धीरे दही डाले , यह ध्यान रखे की ये मिश्रण बेसन चिपचिपा न हो जाये ज्यादा. अगर ऐसा लगे तो सारा दही एक साथ न मिलाये. इसे एक आटे की तरह गूंथ ले. आटा ऐसा हो की इस आटे से बेलनाकार आकार में रोल कर के बेले तैयार हो सके. .
अब, आटा की एक छोटी सी गेंद लेकर और 1/2 इंच मोटी बेलनाकार आकार (लगभग 6 इंच लंबा) रोल बना ले. ऐसे सारे गट्टे के बेले तैयार कर ले. एक बर्तन में पानी को उबाल ले. पानी इतना ले की सारे गट्टे उस में डूब जाये. उस में सारे गट्टे डाल ले. और इसे उबलने दे. गट्टे इस पानी में उबाल कर पकाने हे। 10-15 मिनट के बाद चेक कर ले की गट्टे पके हुए हे या नही इसके लिए एक गट्टा रोले बहार निकाल कर चाकू डाल कर जाँच करें और अगर चाकू बाहर साफ आता है तो गट्टे पक गए हे. अगर नहीं तो थोड़ी देर और पकने दे.
जब गट्टे पक जाए तो उन्हें निकाल कर ठंडा होने रख दे. बचे हुए पानी को फेके नहीं इससे हम ग्रेवी बनायेंगे। गट्टे ठन्डे होने पर उन्हें आधा आधा इंच के टुकड़ो में काट ले.
ग्रेवी और मिश्रण
दही में सभी सूखी मसाला मिलये. नमक अभी नहीं मिलये. अब इस दही को अच्छी तरह से फेट ले. एक पेन में तेल दाले. इसमें राइ , जीरा दाले. जब ये तड़कने लगे तब, एक मिनट के लिए अदरक और लहसुन भूनें। अब इसमें प्याज पारदर्शी होने तक भुने. अच्छे से भूनने के बाद इसमें टमाटर दाल कर भुने. अब इसे धीमी आंच पर ढक्कन कवर कर के 2 मिनट के लिए पकने दे.२ मिनट बाद जब ग्रेवी से तेल अलग होना शुरू होता है तब इसमें दही का मिश्रण डाले . और तेज आंच पर उबाल लेने तक पकाये. अब, इस में गट्टे टुकड़े डाले और जरूरत के हिसाब से बचाया हुआ पानी इसमें डाले। कवर कर के 5 मिनट तक पकाना हे।
गरमा गरम परोसे ,सब्जी तैयार है!
Friday, 12 July 2013
नान खटाई - Nan-Khatai - Homemade
नान खटाई - Nan-Khatai - Homemade
Ingredients
आज हम शेयर कर रहे हे, नान खटाई . श्रीमती अभिलेखा व्यास ने ये रेसेपी हमारे साथ शेयर करी हे.
- मैदा - 100 ग्राम (एक कप)
- बेसन - 1 छोटी चम्मच( optional)
- सूजी - 1 छोटी चम्मच(optional)
- चीनी - 50 ग्राम ( 1/2 कप)
- घी - 50 ग्राम ( 1/2 कप)
- इलाइची - 4-5
- बेकिंग पाउडर - 1/2 छोटी चम्मच
चीनी पीस लीजिये, घी गरम
करके पिघला लीजिये.किसी बर्तन में पिघला हुआ घी और चीनी डालिये और अच्छी
तरह से फैंट लीजिये.मैदा, बेसन, सूजी छान लीजिये, इलायची कूट कर और बेकिंग
पाउडर डालकर
अच्छी तरह मिलाइये, घी चीनी के मिश्रण में डालकर, नरम आटे जैसा गूथ लीजिये.
सारे मिश्रण के गोले बनाकर ट्रे में लगा लीजिये.गोले पर चाकू का उपयोग करके एक्स(X) बनाये.
ओवन को 200 डि. से. तापमान में सैट करके गरम कीजिये. नानखताई की ट्रे
बेक करने के लिये ओवन में रखिये. ओवन को 180 डि.से. तापमान पर सैट करके 10-15
मिनिट के लिये नानखताई बेक कीजिये. ओवन से नानखताई की ट्रे
निकालिये, ठंडी होने पर ट्रे से नानखताई निकाल कर, किसी प्लेट या प्याले
में रखिये.नानखताई तैयार हो गये है.
Wednesday, 10 July 2013
सही रंग- सुधारे रंग ढंग - Right color for right you
सही रंग- सुधारे रंग ढंग - येही हे राईट चॉइस बेबी
सांवला बॉलीवुड स्टार्स- मलाइका अरोडा, बिपाशा बसु।
सही रंग - ब्राइट कलर्स चुनें ताकि आपका स्किन ग्लो करे। इलेक्ट्रिक कलर्स आपके लिए बेस्ट हैं। जब डार्क कलर्स की ड्रेस पहनेंगी तो एक्सेसरीज न्यूट्रल कलर की रखें।
स्टाइल टिप्स - -पेल कलर्स जैसे बेबी पिंक या स्काई ब्ल्यू कलर की ड्रेसेज पहनने से बचें। -अर्दी शेड्स या न्यूट्रल कलर्स आप पर सूट करेंगे। लेकिन उस पर ब्राइट इलेक्ट्रिक शेड्स की एक्सेसरीज कैरी करें। -आपके स्किन टोन पर ब्राइट पिंक, इलेक्ट्रिक ब्ल्यू और ब्राइट रॉयल, पर्पल बेहद अच्छे लगेंगे।
मेकअप- -अगर तुरंत तैयार होना है तो डार्क रेड लिपस्टिक आपकी बेस्ट फ्रेंड है। -दिन में मैट शेड्स का इस्तेमाल करें और नाइट आउट के लिए शिमर इफेक्ट दें। -सिल्वर का प्रयोग करने से बचें, पर गोल्ड शेड्स आपके रूप को निखारने में मदद करेंगे। -
वॉर्म कलर्स- येलो, ऑरेंज, ब्राउन, ग्रीनिश येलो, ऑरेंज व रेड के अलग शेड्स।
कूल कलर्स- ब्ल्यू, ग्रीन, पिंक, पर्पल, ब्ल्यू-ग्रीन, मजेंटा, ब्ल्यू-ग्रे के अलग शेड्स।
उदाहरण : हर रंग के वॉर्म व कूल शेड्स होते हैं। जैसे पिंक : वॉर्म- पिंक + पीच कूलर - पिंक + पर्पल वॉर्मटोन का फाउंडेशन पाउडर येलो बेस लिए हुए होता है। वहीं कूल टोन पिंक बेस। वॉर्म टोन के ब्लश - पीच व ब्राउन कूल टोन के ब्लश - पर्पल व पिंक
गेहुंआ बॉलीवुड स्टार्स- सोनम कपूर, प्रियंका चोपडा।
सही रंग- वॉर्म और कूल कलर्स को बैलेंस करके प्रयोग करें। जैसे व्हाइट, टील, पिंक वॉयलेट व ग्रीन के सभी शेड्स के साथ प्ले करें।
स्टाइल टिप्स- -दिन के समय व्हाइट, स्काई ब्ल्यू और सॉफ्ट पिंक जैसे कलर्स की ड्रेस चुनें। -रात के लिए डार्क कलर्स से खुद को ड्रेसअप करें। जैसे फूशिया, क्रोम (मटैलिक शेड्स), येलो एंड डीप रेड। -ऐसे रंगों के चुनाव से बचें जो आपके स्किन टोन को डल लुक दें। इसके लिए जरूरी है कि ब्राइट और म्यूटेड शेड्स का बैलेंस बना कर रखें।
मेकअप- -पेल पिंक व मोव आप पर सूट करेगी। -इस बात का ध्यान रखें कि ग्लिटर वाले आई शैडोज और लिप ग्लॉस का प्रयोग न करें। इससे स्किन ज्यादा डार्क नजर आएगी। -साथ ही कलर्स का बैलेंस बनाकर चलें। अगर बोल्ड आई शैडो का इस्तेमाल कर रही हैं तो लिपस्टिक लाइट रखें।
सांवला बॉलीवुड स्टार्स- मलाइका अरोडा, बिपाशा बसु।
सही रंग - ब्राइट कलर्स चुनें ताकि आपका स्किन ग्लो करे। इलेक्ट्रिक कलर्स आपके लिए बेस्ट हैं। जब डार्क कलर्स की ड्रेस पहनेंगी तो एक्सेसरीज न्यूट्रल कलर की रखें।
स्टाइल टिप्स - -पेल कलर्स जैसे बेबी पिंक या स्काई ब्ल्यू कलर की ड्रेसेज पहनने से बचें। -अर्दी शेड्स या न्यूट्रल कलर्स आप पर सूट करेंगे। लेकिन उस पर ब्राइट इलेक्ट्रिक शेड्स की एक्सेसरीज कैरी करें। -आपके स्किन टोन पर ब्राइट पिंक, इलेक्ट्रिक ब्ल्यू और ब्राइट रॉयल, पर्पल बेहद अच्छे लगेंगे।
मेकअप- -अगर तुरंत तैयार होना है तो डार्क रेड लिपस्टिक आपकी बेस्ट फ्रेंड है। -दिन में मैट शेड्स का इस्तेमाल करें और नाइट आउट के लिए शिमर इफेक्ट दें। -सिल्वर का प्रयोग करने से बचें, पर गोल्ड शेड्स आपके रूप को निखारने में मदद करेंगे। -
वॉर्म कलर्स- येलो, ऑरेंज, ब्राउन, ग्रीनिश येलो, ऑरेंज व रेड के अलग शेड्स।
कूल कलर्स- ब्ल्यू, ग्रीन, पिंक, पर्पल, ब्ल्यू-ग्रीन, मजेंटा, ब्ल्यू-ग्रे के अलग शेड्स।
उदाहरण : हर रंग के वॉर्म व कूल शेड्स होते हैं। जैसे पिंक : वॉर्म- पिंक + पीच कूलर - पिंक + पर्पल वॉर्मटोन का फाउंडेशन पाउडर येलो बेस लिए हुए होता है। वहीं कूल टोन पिंक बेस। वॉर्म टोन के ब्लश - पीच व ब्राउन कूल टोन के ब्लश - पर्पल व पिंक
गेहुंआ बॉलीवुड स्टार्स- सोनम कपूर, प्रियंका चोपडा।
सही रंग- वॉर्म और कूल कलर्स को बैलेंस करके प्रयोग करें। जैसे व्हाइट, टील, पिंक वॉयलेट व ग्रीन के सभी शेड्स के साथ प्ले करें।
स्टाइल टिप्स- -दिन के समय व्हाइट, स्काई ब्ल्यू और सॉफ्ट पिंक जैसे कलर्स की ड्रेस चुनें। -रात के लिए डार्क कलर्स से खुद को ड्रेसअप करें। जैसे फूशिया, क्रोम (मटैलिक शेड्स), येलो एंड डीप रेड। -ऐसे रंगों के चुनाव से बचें जो आपके स्किन टोन को डल लुक दें। इसके लिए जरूरी है कि ब्राइट और म्यूटेड शेड्स का बैलेंस बना कर रखें।
मेकअप- -पेल पिंक व मोव आप पर सूट करेगी। -इस बात का ध्यान रखें कि ग्लिटर वाले आई शैडोज और लिप ग्लॉस का प्रयोग न करें। इससे स्किन ज्यादा डार्क नजर आएगी। -साथ ही कलर्स का बैलेंस बनाकर चलें। अगर बोल्ड आई शैडो का इस्तेमाल कर रही हैं तो लिपस्टिक लाइट रखें।
Tuesday, 9 July 2013
Ice cream - So delicious but some facts to note
आइसक्रीम और कुलफी के बिना गर्मियां अधूरी होती हैं। खास तौर पर आइसक्रीम तो सदाबहार है। इसके बिना तो कोई पार्टी भी पूरी नहीं होती। अलग-अलग फ्लेवर वाली रंग-बिरंगी आइसक्रीम हर किसी को खाने पर मजबूर कर देती है। तो वहीं तमाम तरह की कुलफी पिस्ता, केसर, बादाम आदि बाजार में उपलब्ध हैं। पर आप इन दोनों में से किसे चुनें, जिसमें अधिक कैलरी और अधिक फैट न हों। यहां सखी बता रही है आपके लिए सही विकल्प।
सही चयन : नैचरल फ्रूट आइसक्रीम : इसमें मिनरल्स और एसेंशियल विटमिंस मसलन ए और सी होते हैं। हालांकि कुलफी और नैचरल फ्रूट आइसक्रीम में कैलरी का अंतर अधिक नहीं है फिर भी इसे ही प्राथमिकता दें, क्योंकि इनमें विटमिन डी होता है। विटमिन डी महत्वपूर्ण विटमिन है, जो शरीर में कैल्शियम को एब्जॉर्ब करता है और कैल्शियम की कमी को दूर करता है। फ्रूट आइसक्रीम खाने के बाद पेट भरा-भरा नहीं लगता। इसमें कम दूध और क्रीम का इस्तेमाल होता है, जो सेहत के लिहाज से सही है। लेकिन इसे खाते समय सर्विग पर ध्यान दें। नैचरल फ्रूट आइसक्रीम फ्रोजन फूड की तरह है। यह आपके मूड को अच्छा बनाने में मदद करती है।
गलत चयन : कुलफी : इसमें कैलरी पर्याप्त मात्रा में होती है, क्योंकि इसे बनाने के लिए ढेर सारी क्रीम, दूध, मेवे का इस्तेमाल किया जाता है। दूध को गाढा करके बनाने से इसके जरूरी विटमिंस कम हो जाते हैं। कैलरी ज्यादा होने के कारण यह देर से पचती है। जिन्हें पेट संबंधी समस्या या दूध से एलर्जी यानी लैक्टोज इनटॉलरेंस की समस्या हो, उनके लिए यह नुकसानदेह भी हो सकती है। इसके अधिक सेवन से पेट खराब और डायरिया होने का खतरा भी रहता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगियों को खासतौर से इससे परहेज करना चाहिए।
हेल्थ एलर्ट : पारंपरिक आइसक्रीम में ढेर सारी चीनी व सैचुरेटेड फैट्स होते हैं। कुछ में मिल्क चॉकलेट, पीनट बटर कप्स, फज्ज की टॉपिंग होती है, जिस कारण उनमें कैलरी बहुत होती है। इसलिए नैचरल फ्रूट आइसक्रीम या आइस कैंडीज को प्राथमिकता दें।
न्यूट्रिशनल वैल्यू चार्ट (प्रति आधा कप)
फ्रूट आइसक्रीम
कैलरी : 220, कुल वसा : 11.0 ग्राम, सैचुरेटेड फैट : 6.0 ग्राम, कोलेस्ट्रॉल : 70 मिग्रा, सोडियम: 45 मिग्रा, कार्बोहाइड्रेट : 25.0 मिग्रा, चीनी : 24.0 ग्राम, प्रोटीन : 4.0 ग्राम, विटमिन ए : 10 च्, कैल्शियम : 10 च्, विटमिन सी : 4 च्
कुलफी
कैलरी : 344, कुल वसा : 19.0 ग्राम, सैचुरेटेड फैट : 0 ग्राम, कोलेस्ट्रॉल: 51 ग्राम, सोडियम : 8.3 मिग्रा, कार्बोहाइड्रेट : 3.5 ग्राम, डाइटरी फाइबर : 0 ग्राम, चीनी : 13.2 ग्राम, प्रोटीन : 7.6 ग्राम
सही चयन : नैचरल फ्रूट आइसक्रीम : इसमें मिनरल्स और एसेंशियल विटमिंस मसलन ए और सी होते हैं। हालांकि कुलफी और नैचरल फ्रूट आइसक्रीम में कैलरी का अंतर अधिक नहीं है फिर भी इसे ही प्राथमिकता दें, क्योंकि इनमें विटमिन डी होता है। विटमिन डी महत्वपूर्ण विटमिन है, जो शरीर में कैल्शियम को एब्जॉर्ब करता है और कैल्शियम की कमी को दूर करता है। फ्रूट आइसक्रीम खाने के बाद पेट भरा-भरा नहीं लगता। इसमें कम दूध और क्रीम का इस्तेमाल होता है, जो सेहत के लिहाज से सही है। लेकिन इसे खाते समय सर्विग पर ध्यान दें। नैचरल फ्रूट आइसक्रीम फ्रोजन फूड की तरह है। यह आपके मूड को अच्छा बनाने में मदद करती है।
गलत चयन : कुलफी : इसमें कैलरी पर्याप्त मात्रा में होती है, क्योंकि इसे बनाने के लिए ढेर सारी क्रीम, दूध, मेवे का इस्तेमाल किया जाता है। दूध को गाढा करके बनाने से इसके जरूरी विटमिंस कम हो जाते हैं। कैलरी ज्यादा होने के कारण यह देर से पचती है। जिन्हें पेट संबंधी समस्या या दूध से एलर्जी यानी लैक्टोज इनटॉलरेंस की समस्या हो, उनके लिए यह नुकसानदेह भी हो सकती है। इसके अधिक सेवन से पेट खराब और डायरिया होने का खतरा भी रहता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगियों को खासतौर से इससे परहेज करना चाहिए।
हेल्थ एलर्ट : पारंपरिक आइसक्रीम में ढेर सारी चीनी व सैचुरेटेड फैट्स होते हैं। कुछ में मिल्क चॉकलेट, पीनट बटर कप्स, फज्ज की टॉपिंग होती है, जिस कारण उनमें कैलरी बहुत होती है। इसलिए नैचरल फ्रूट आइसक्रीम या आइस कैंडीज को प्राथमिकता दें।
न्यूट्रिशनल वैल्यू चार्ट (प्रति आधा कप)
फ्रूट आइसक्रीम
कैलरी : 220, कुल वसा : 11.0 ग्राम, सैचुरेटेड फैट : 6.0 ग्राम, कोलेस्ट्रॉल : 70 मिग्रा, सोडियम: 45 मिग्रा, कार्बोहाइड्रेट : 25.0 मिग्रा, चीनी : 24.0 ग्राम, प्रोटीन : 4.0 ग्राम, विटमिन ए : 10 च्, कैल्शियम : 10 च्, विटमिन सी : 4 च्
कुलफी
कैलरी : 344, कुल वसा : 19.0 ग्राम, सैचुरेटेड फैट : 0 ग्राम, कोलेस्ट्रॉल: 51 ग्राम, सोडियम : 8.3 मिग्रा, कार्बोहाइड्रेट : 3.5 ग्राम, डाइटरी फाइबर : 0 ग्राम, चीनी : 13.2 ग्राम, प्रोटीन : 7.6 ग्राम
Vrat Recipe -Rajgeere ke Pakode - राजगीरे की पकोड़ी
Vrat Recipe -Rajgeere ke Pakode - राजगीरे की पकोड़ी
रिमझिम बरसात
भीगी भीगी सी हर बात,
कुछ ज्यादा तो याद नहीं मुझे,
बस याद हे तो हमारा हर पल का वो साथ .
बरसात के मौसम में , जब अपनों का साथ हो तो मौसम की रंगीनी और बढ़ जाती हे . और ऐसे में जो सबसे पहली चीज याद आती हे वो हे , एक कप गरम चाय और प्लेट भर के पकोड़े . :)
लेकिन अगर इस बारिश में कोई व्रत हमारे और बारिश के बीच आ जाये तो मन मसोस कर बस फ्रूट्स या खीचड़ी से ही कम चलन पड़ता हे . लेकिन आज यहाँ में शेयर कर रही हु राजगीरे के आटे के पकोड़े जो की हम व्रत में भी काफी मजे से खा सकते हे .
सामग्री –
राजगीरे का आटा – 2 कटोरी
कुटी काली मिर्च – आधी चम्मच
हरी धनिया – बारीक कटा – 2 चम्मच
लाल मिर्च – आधी छोटी चम्मच
जीरा – आधी चम्मच
हरी मिर्च - बारीक कति - 1 छोटी
तेल – गरम तेल 2 चम्मच
सैंधा नमक – स्वादानुसार
अल्लू – पतले स्लाइस करे हुए 1 मध्यम
विधि – राजगीरे के आटे को एक बड़े बाउल में लेकर उसमे काली मिर्च , लाल मिर्च ,जीरा , हरी मिर्च, नमक , धनिया मिला ले और पकोड़े का बेटर तैयार कर ले . अब इस तैयार बेटर में 2 चम्मच गरम तेल डाले और इसे काफी अचे से एक ही तरफ फेट ले . इससे पकोड़े अच्छे फुले हुए और क्रिस्प बनेंगे . अब इस तैयार बेटर में आलू की स्लाइसेस डिप करके गरम तेल में तल ले .
पकोड़े तलते समय ध्यान रहे की तेल अच्छा गरम हो और पकोड़े डालते ही 3 सेकंड में उन्हें पलट ले फिर हर 20 सेकंड में इन्हें उलट पलट के तल ले . इससे पकोड़े अच्छे क्रिस्प बनेगे .
ध्यान देने की बाते – राजगीरे का आटा बेसन की तरह फूलता नहीं हे , इसलिए घोल का पानी डालते समय ध्यान रहे की कही पानी एक दम से ज्यादा न हो जाये .
व्रत में खाने के लिए मुगफली का तेल प्रयोग में लिया जाता हे .
आलू की जगह अप अपनी पसंद की कोई भी सब्जी यूज़ कर सकते हे . पर आलू सदाबहार हे
रिमझिम बरसात
भीगी भीगी सी हर बात,
कुछ ज्यादा तो याद नहीं मुझे,
बस याद हे तो हमारा हर पल का वो साथ .
बरसात के मौसम में , जब अपनों का साथ हो तो मौसम की रंगीनी और बढ़ जाती हे . और ऐसे में जो सबसे पहली चीज याद आती हे वो हे , एक कप गरम चाय और प्लेट भर के पकोड़े . :)
लेकिन अगर इस बारिश में कोई व्रत हमारे और बारिश के बीच आ जाये तो मन मसोस कर बस फ्रूट्स या खीचड़ी से ही कम चलन पड़ता हे . लेकिन आज यहाँ में शेयर कर रही हु राजगीरे के आटे के पकोड़े जो की हम व्रत में भी काफी मजे से खा सकते हे .
सामग्री –
राजगीरे का आटा – 2 कटोरी
कुटी काली मिर्च – आधी चम्मच
हरी धनिया – बारीक कटा – 2 चम्मच
लाल मिर्च – आधी छोटी चम्मच
जीरा – आधी चम्मच
हरी मिर्च - बारीक कति - 1 छोटी
तेल – गरम तेल 2 चम्मच
सैंधा नमक – स्वादानुसार
अल्लू – पतले स्लाइस करे हुए 1 मध्यम
विधि – राजगीरे के आटे को एक बड़े बाउल में लेकर उसमे काली मिर्च , लाल मिर्च ,जीरा , हरी मिर्च, नमक , धनिया मिला ले और पकोड़े का बेटर तैयार कर ले . अब इस तैयार बेटर में 2 चम्मच गरम तेल डाले और इसे काफी अचे से एक ही तरफ फेट ले . इससे पकोड़े अच्छे फुले हुए और क्रिस्प बनेंगे . अब इस तैयार बेटर में आलू की स्लाइसेस डिप करके गरम तेल में तल ले .
पकोड़े तलते समय ध्यान रहे की तेल अच्छा गरम हो और पकोड़े डालते ही 3 सेकंड में उन्हें पलट ले फिर हर 20 सेकंड में इन्हें उलट पलट के तल ले . इससे पकोड़े अच्छे क्रिस्प बनेगे .
ध्यान देने की बाते – राजगीरे का आटा बेसन की तरह फूलता नहीं हे , इसलिए घोल का पानी डालते समय ध्यान रहे की कही पानी एक दम से ज्यादा न हो जाये .
व्रत में खाने के लिए मुगफली का तेल प्रयोग में लिया जाता हे .
आलू की जगह अप अपनी पसंद की कोई भी सब्जी यूज़ कर सकते हे . पर आलू सदाबहार हे
Tuesday, 25 June 2013
Body Mass Index | बोडी मास इंडेक्स
1. क्या होता है Body Mass Index | बोडी मास इंडेक्स ?
बोडी मास इंडेक्स (Body Mass Index, BMI), एक संख्या है जो यह बताता है कि क्या आप, दूसरे लोगों के अनुपात में, कमजोर, सामान्य, अधिक वजन के या मोटे है? यह संख्या खास करके शरीर के चर्बी (Body Fat) का अन्दाज़ लगाने में बहुत महत्वपूर्ण है। ध्यान रहे कि बोडी मास इंडेक्स का तातपर्य आपके शरीर के मांस (muscle) से नहीं है।
2. अधिक बी एम आई
- हाई ब्लड प्रेशर (hypertension)
- डायबिटीज़ (diabetes)
- दिल का दौरा (heart attack)
- लकवा (stroke)
- पित्त कि बीमारी (gall bladder problems)
- खून में अधिक चर्बी (hyperlipidemia)
- सोते हुए सांस रुकना, जिसे सलीप एप्नेया (sleep apnea) कहते हैं
- खर्राटा लेना (snoring)
- ब्लड वेस्सल की बीमारी, जैसे की वेरिकोज़ वेंस (varicose veins)
- केंसर (cancer)
3. बहुत कम बी एम आई
- हाई ब्लड प्रेशर (hypertension)
- कमजोरी (Weakness)
- एनेमिया/खून में कमी (Anemia)
- प्रतिरक्षा में कमी / संक्रमण (Infections)
4. कैसे नापते हैं?
- बी एम आइ = वजन / (कद x कद)
- जहां वजन किलोग्राम में हो, और कद मिटर में हो।
- उदाहरण के लिये: कद = 1.65 मिटर, वजन = 75 किलोग्राम
- बी एम आइ = 75/(1.65x1.65) = 27.5 किलोग्राम प्रति मिटर स्क़ुएर = 27.5 kg/m2
5. और कैसे नापते हैं?
- बी एम आइ = [वजन / (कद x कद)] x 703
- जहां वजन पाउंड में हो, और कद इंच में हो।
- उदाहरण के लिये: कद = 65 इंच, वजन = 165 पाउंड
- बी एम आइ = [165/(65x65)] x 703 = 27.5 किलोग्राम प्रति मिटर स्क़ुएर = 27.5 kg/m2
6. चर्बी से संबंध
- समान बी एम आइ होने पर भी, पुरुष के अनुपात में, औरत में अधिक चर्बी होती है।
- समान बी एम आइ होने पर भी, युवा के अनुपात में, वृध में अधिक चर्बी होती है।
- खिलाड़ीयों में अधिक बी एम आइ होता है, क्योंकि उनमें अधिक मांस होता है
7. अन्य बातें
वजन संबंधित बीमारीयों के लिये बी एम आइ के अलावे, अन्य बातों का ध्यान रखना होगा जैसे कि-
- कमर की चौड़ाई (Waist Circumference), क्योंकि पेट में चर्बी होने से मोटापा संबंधित बीमारीयां अधिक होता है।
- दैनिक शारीरिक क्रिया (Physical Activity)
- उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
Sunday, 23 June 2013
फिट बहु - हिट बहु - Fit Bahu - Hit Bahu
Homemade Tips/ nuskhe - Life Style ( घरेलु नुस्खे - लाइफ स्टाइल ) -
फिट बहु - हिट बहु - Fit Bahu - Hit Bahu
पीहर से ससुराल जाने के नए फेर में जो चीज सबसे ज्यादा अनदेखी की जाती हे वो हे हमारी सेहत. जबकी शादी के बाद बेवक्त खाना, भावनात्मक उतार चढाव , नींद की अनियमतता के चलते चुस्त दुरुस्त बने रहने की सबसे ज्यादा जरुरत हे. इस समय करी हुई exercise हमें सही shape में तो रखती ही हे साथ ही तनाव को भी कम रखने में मदद करता हे. चलिए बात करते हे कुछ ऐसे ऐसे उपायों की जो हम घर पर या बाहर आसानी से कर सकते हे और फिट रह सकते हे.
फिटनेस मंत्र - अच्छा और पोष्टिक खाना + रोज एक्सरसाइज
टिप्स -
1 अगर जिम जाकर व्यायाम नहीं कर सकते तो घर पर ही कोई अच्छी एप्लीकेशन डाउनलोड करके या कोई विडियो देख कर कम से कम 15 मिनिट के लिए रोज व्यायाम करे.
2 . व्यायाम को बोज न समझे...किसी भारी मन से करे व्यायाम उतना लाभ नहीं देने वाले जितना अगर ये सोच कर व्यायाम किया जाये की exercise करने से मुझे ख़ुशी मिलती हे और ये मुझे और अच्छा महसूस कराएगा.
3 कुछ न कुछ करके चलना फिरना अपनी आदत में शामिल करे, फ़ोन पे बात करते हुए, पानी पीने के लिए उठे, मोबाइल थोडा दूर रखे ताकि जब बजे तो उठ कर जाये,
4 व्यायाम के लिए ऐसा समय पक्का करे जो आसानी से अप मैनेज कर सकती हे
5 रूटीन में ऐसे एक्सरसाइज को शामिल करे जो सर से लेकर पैर तक पुरे शरीर की कम से कम एक एक्सरसाइज तो जरुर हो.
चलिए कुछ ऐसे व्यायाम करते हे जो आसानी से घर में किये जा सके -
पीठ की एक्सरसाइज -
1 सीधे खड़े हो जाये. हिप्स से ऊपर के हिस्से से थोडा आगे झुके. पानी की २ भरी हुई bottles को हाथो में ले ले. दोनों हाथ बगल में रख कर कोहनी को थोडा सा झुका कर कंधो पे प्रेशर डालते हुए हाथ ऊपर उठाये फिर नीचे ले जाये. ये 16 बार दोहराए.
2 सीधे खड़े होकर हाथो में पानी की भारी बोतले पकड़ ले. अब कंधे ऐसे उठाये जेसे कंधे उचकाते समय करते हे. फिर नीचे ले जाये. ऐसा 16 बार करे.
3 हाथो में पानी की बोतले लेकर सीधे खड़े हो जाये. अब कमर से ऊपर के हिस्से को दाई तरफ झुकाए 2 सेकंड ऐसे रख कर फिर से सीधे हो जाये अब बायीं तरफ दोहराए. 16 बार हर तरफ करे.
जांघो की एक्सरसाइज -
सीधे खड़े होकर दाहिने पैर को सामने की और उठा कर कमर तक की उचाई तक लाये. 2 सेकंड तक ऐसे ही रह कर वापस नीचे कर ले अब येही बाये पैर से दोहराहे. 16 बार दोनों पेरो से करे.
उपरी बाह के लिए -
कुर्सी ले कर उसपर अपने पीठ करके कड़ी हो. अब झुकाते हुए ऐसे पोजीशन में ए की आपके हाथ कुर्सी के सीट पर हो और पैर आगे फर्श पर लम्बे हो. आपकी हिप्स और जंघे हवा में होनी चाहिए. अब इसी पोजीशन में बेक पुश अप करे. 16 बार
कमर के लिए -
मेट पर लेट जाये. अब घुटने मोड़ ले. और हाथो को सर के नीचे ले जाये. अब हाथो का पुश लगते हुए ऊपर की तरफ दाई और के पैर की तरफ उठे. ऐसा ही बाये तरफ भी करे. दोनों तरफ 16 बार करे.
पेरो के लिए -
दरी पर लेट जाये. दाहिने पैर को उठाये और एक तोल्लिये को पैर के पंजो में फसा ले. तोलिये के किनारों को पकड़ते हुए पैर को सीधा करे. 10 सेकंड तक ऐसे रखे. दोनों पेरो से ऐसे करे. 16 बार.
Monday, 17 June 2013
जोड़ो / घुटनों का दर्द / गठिया - Arthritis
घरेलु नुस्खे - रोग भगाने के लिए -
जोड़ो / घुटनों का दर्द / गठिया - Arthritis
जोड़ो / घुटनों का दर्द / गठिया - Arthritis
1 . मेथी, सोंठ और हल्दी सामान मात्र में मिलकर, पीसकर नित्य सुबह शाम खाना खाने के बाद गरम पानी से दो - दो चम्मच फ़की लेने से लाभ होता हे.
2 . रोज सुबह भूखे पेट एक चम्मच कुटी हुई दाना मेथी में, १ ग्राम कलोंजी मिलकर एक बार फाकी ले.
3 . दाना मेथी हमेशा सुबह खली पेट, दोपहर और रत को खाना खाने के बाद आधा चम्मच पानी के साथ फाकने से सभी जोड़ मजबूत रहेंगे और जोड़ो का दर्द कभी नहीं होगा.
4 . हल्दी, गुड, पीसी दान मेथी और पानी सामान मात्र में मिलकर, गरम करके इनका लेप रत को घुटनों पर करे. इस पर पट्टी बांध कर रत भर बंधे रहने दे. सुबह पट्टी हटा कर साफ कर ले. कुछ ही में असर महसूस हो जयेग.
5. अलसी के बीजो के साथ 2 अखरोट लेने से जोड़ो के दर्द से आराम मिलता हे.
6. मेथी के लड्डू खाने से हाथ पेरो के और जोड़ो के दर्दो में आराम मिलता हे.
7. 30 के उम्र के बाद दाना मेथी की फाकी लेने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते हे. बुढ़ापे तक मधुमेह, ब्लड प्रेशर और गठिया जेसे रोगों से बचाव होता हे.
8. मेथी दाने को तवे या कढ़ाही में गुलाबी होने तक सेके. ठंडा होने पर पीस ले. रोज सुबह आधा चम्मच , एक गिलास पानी के साथ ले.
9. मेथी को दर्दारी कूट कर इसकी सर्दियों में २ चम्मच और गर्मी में एक चम्मच फाकी सुबह पानी के साथ ले.
10 . अंकुरित मेथी खाए और उसके खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खये.
श्री खंड - Shri Khand
श्री खंड - गर्मी का ठंडा और मीठा दोस्त
श्री खंड - गर्मी का ठंडा और मीठा दोस्त
गर्मियों की गरम हवा, लू के थपेड़े, तेज आंधिया ये सब सोचने पर ही दिमाग गरम हो जाता हे और पसीने निकलने लगते हे. और जब ये सब बाहर सहन करते हुए घर में घुसते हे तो मन करता हे कुछ ठंडा और मीठा खाने को मिल जाये. लेकिन बढती बीमारियों के दौर में बाहर का कुछ खाना नुक्सान देता हे.
ऐसे में कुछ हल्का मीठा जो की पेट में भी भारीपन न करे ऐसा मिल जाये तो बस फिर क्या बात हे. तो आज ऐसा ही कुछ try करते हे. तो आज दही के गुणों से भरपूर श्रीखंड बनाते हे.
सामग्री -
दही - १ किलो
पीसी शक्कर - १०० ग्राम
छोटी इलाइची पाउडर - २ चुटकी
किसे हुए काजू - २ छोटी चम्मच
पिस्ता कतरन - १ छोटी चम्मच
केसर - १ चुटकी
बादाम - कतरन - १ चम्मच
मक्खन - 50 ग्राम
विधि -
इसके लिए जितना हो सके एकदम ताजा और गाडा दही कम में लेना हे. दही को मलमल के कपडे या किसी पतले कपडे में लटका कर उसका पानी निकलने दे. 3 - 4 घंटे के बाद इसे कटोरे में निकाल कर इसमें शक्कर और इलाइची पाउडर मिला कर 10 मिनट के लिए अच्छे से फेंट ले. केसर की २ - 4 कतरन छोड़ कर बाकि को ढूध में भिगो कर रख ले. अब इसमें ड्राई फ्रूट्स और मख्खन मिला ले. अब इसे आधे घंटे के लिए फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दे. परोसने से ठीक पहले इसमें दूध वाला केसर मिलाये, एक बार और फेंटे और फिर इसमें केसर और बादाम से सजा कर परोसे.
कुछ नया -
१. पारम्परिक श्रीखंड तो हम सभी खाते आये हे. अगर इसमें कुछ नया taste मिलाया जाये तो मजा अयेगा. कुछ different करने के लिए इसमें बाज़ार में मिलने वाली टूटी फ्रूटी मिक्स की जा सकती हे.
2 . श्रीखंड के अलग अलग फ्लेवर उसमे काजू, किशमिश , वैनिला एसेंस, रोज वाटर, केवडा जल, बादाम, फ्रेश फ्रूट्स मिला कर बनाये जा सकते हे.
३. आम श्रीखंड के लिए आम का पल्प मिला सकते हे. ऐसे ही चीकू straberry , केला, भी मिला सकते हे.
आपको ये केसा लगा जरुर बताइए -
Thursday, 13 June 2013
आँखों के नीचे काले घेरे ( Dark Circle / Under Eye dark circle issue )
खूबसूरत आंखे देखने वाले को अपनी और खीच लेती हे। लेकिन अगर आँखों के नीचे झुर्रिया या lines हो तो चेहरे की खूबसूरती फीकी पड जाती हे। आँखों के नीचे की त्वचा काफी नाजुक होती हे और इनमे oil glandes न होने की वजह से इस जहा सबसे पहले झुर्रिया आ जाती हे।
steam या भाप चहरे पर - चेहरे पर भाप लेने से आँखों के नीचे को कोशिकाए को काफी नुकसान होता हे। आँखों पर गुलाब जल का फाया रखने से ठंडक जरुर मिलती हे लेकिन भाप से हुए नुकसान सही नहीं होता। और न ही केवल खीरा या आलू का टुकड़ा रखने से फायदा होता हे। इसलिए आलू या खीरे को कद्दुकस करके उसके छल्ले या रस निकाल के आँखों पर रखे। ये काफी फायदा करता हे।
घरेलु उपाय काले घेरो के लिए -
1. आँखों के नीचे या आस पास कभी भी कोई फेस पैक न लगाये। जब पैक सूखता हे तो उससे त्वचा में खेचाव होता हे जिससे झुर्रिया हो जाती हे।
2. चेहरे की मालिश के बाद आँखों के आस पास अंडर आई क्रीम से मालिश करे। या अगर नार्मल क्रीम से मालिश की हे तो मालिश के बाद extra क्रीम को गीली रुई से साफ कर दे।
3. 2 चम्मच चाय की पत्ती को थोड़े से पानी में 2 मिनिट के लिए उबाल ले। फिर छान ले।
इस पानी को 2 भागो में बाट ले। एक हिस्से को फ्रीजर में रख कर ठंडा करे। और दुसरे को हल्का गरम ही रहने दे।
अब इस गरम पानी में रुई डुबो कर 2 मिनिट के लिए आँखों के नीचे रखे। फिर 2 मिनिट बाद ठन्डे पानी में रुई डुबो कर सेक करे। इस तरह 5 बार ठंडा गरम का सेक करे। ध्यान दे ये हफ्ते में 2 बार से ज्यादा न करे।
4. अब आँखों के नीचे अंडर आई पैक लगाये
अंडर आई पैक - 1 छोटा चम्मच शहद में 1/4 चम्मच खीरे का रस, 1/4 चम्मच आलू का रस और 2 drops बादाम का तेल डाले।
इस पैक को आँखों के चारो तरफ लगा कर 20 मिनिट के लिए सूखने दे। फिर सादे पानी से धो ले।
हफ्ते में 1 या 2 बार ये उपाय करके आँखों के खूबसूरती को वापस लाया जा सकता हे। और हमेशा बरक़रार रखा जा सकता हे।
कुछ और टिप्स -
- रात को सोने से पहले middle finger से आँखों के चारो और बादाम के तेल की मालिश करे। इससे dark circle तो दूर होंगे ही। साथ ही त्वचा में खिचाव आयेगा और झुर्रिया कम हो जाएगी।
- सुबह उतने के बाद मुह में पानी भर के ठन्डे पानी से 30 से 40 बार आँखों में छींटे मारे इससे आँखों को ठंडक भी मिलेगी और साथ ही आँखों की रौशनी भी बढ़ेगी।
ऐसे ही और बातो के रेगुलर अपडेट के लिए like करे हमारा फेसबुक पेज। लिंक इस ब्लॉग के राईट साइड में हे।
चावल के लड्डू - Chawal ke Laddoo
किसी भी काम की शुरुआत अक्सर मीठे से ही की जाती हे। और मीठे में हमारे राजस्थान में लड्डू का अपना अलग ही मजा हे। बूंदी के लड्डू तो में पहले ही share कर चुकी हु। आज कुछ नए लड्डू भी try करते हे। चावल के लड्डू केरल की पारंपरिक मिठाइयो में से हे।
ध्यान देने की बाते -
चावल के लड्डू पारंपरिक तौर पर कच्चे चावलों को सेक कर फिर उनके आटे से बनाये जाते हे। पर हम सुविधा के लिए चावल का आटा भी काम में ले सकते हे।
केरल में पारंपरिक लड्डू गुड से बनते हे। अगर हम चाहे तो गुड की जगह चीनी भी कम में ले सकते हे।
किसी भी मिठाई में चार चाँद घी से लगता हे पर इसमें हम घी की जगह ढूढ़ या पानी भी कम में ले सकते हे।
चावल के लड्डू ( Rice Ladoo )
सामग्री -
चावल - 1 कप या चावल का आटा - 1 कप
लड्डू बाँधने के लिए -
घी - थोडा सा या ढूध - थोडा सा
गुड - 3/4 कप या चीनी - 1 कप
पीसी छोटी इलाइची - 1 छोटा चम्मच
बादाम और पिस्ता की कतरन - 2 बड़े चम्मच
गुलाबजल - 2 - 4 बूँद
विधि -
चावल ( या चावल का आटा ) को एक भारी तले की कढाई में मध्यम आंच पर सेक ले। ध्यान दे की चावल अच्छे से सिक जाये और हलके भूरे रंग के हो जाये। आप अगर चाहे तो थोडा और गहरा रंग आने तक सेक सकते हे। बस स्वाद में थोडा और कड़क स्वाद हो जायेगा जो की पूरी तरह से आप और आपके परिवार के स्वाद पर निर्भर करता हे। इसी तरह अगर आप आटा काम में ले रहे हे तो उसे भी भुन ले।
चावल भुन जाने पर उन्हें हल्का ठंडा होने के लिए रख दे फिर उन्हें एक महीन पाउडर जितना पीस ले।
अब एक कढ़ाही में नारियल को माध्यम आंच पर सेक ले। जब ये अच्छा सिक जाये तब इसमें किसा हुआ गुड डाले। और हल्का सेक ले। सिर्फ इतना ही सेकना हे की ये हल्का गरम हो जाये तो नरम होकर लड्डू बाँधने जेसा हो जाये।
लड्डू बांधना -
इस तैयार गुड के मिश्रण को चावल के आटे में मिला दे। मेवे, इलाइची पाउडर मिलाये। हाथो पर हल्का पानी लगा कर लड्डू बांधे। अगर लड्डू बंधने में दिक्कत आ रही हो लड्डू का मिश्रण सख्त हो तो इसमें ढूढ़ या घी अपने स्वाद के अनुसार इतना मिलाये जितने से मिश्रण लड्डू बंधने जेसा हो जाये। सजावट के लिए चांदी का वर्क और केसर काम में ले।
कुछ हटके -
(अगर जो बना हे उसमे से ही कुछ हटके किया जाये यानि एक तीर 2 निशाने तो मजा ही कुछ अलग हे तो बस आइये कुछ try करे)
- गुड को हल्का गरम करने के बजाये इसे चाशनी बना कर भी लड्डू बनाये जा सकते हे। इसके लिए 1 कप पानी में गुड और केसर और इलायची दल कर पकाए। इसे उबलने तक पकाए और ऊपर से चाशनी की गन्दगी को हटा कर साफ कर दे। अब इसे भुने आटे और भुने नारियल में मिला कर लड्डू बनाये।
- नारियल को आप चाहे तो बिना भुने भी काम में ले सकते हे। बस ये सब आपकी imagination और स्वाद पर हे की कितना स्ट्रोंग स्वाद आप पसंद करते हे।
- किसी से बात करते हुए मुझे ये भी पता चला की ये लड्डू तेल में तल कर भी बनाये जा सकते हे। इसके लिए चावल के आटे में नारियल और किसा हुआ गुड और मेवे मिला कर हल्का ढूढ़ या घी या पानी दाल कर लड्डू बना ले फिर इसे गरम तेल में तल ले। ठंडा होने पर खाए और खिलाये। ये मेने try नहीं किये अगर आप करे तो मुझे बताये केसे लगे। में भी try करुँगी।
ध्यान देने की बाते -
चावल के लड्डू पारंपरिक तौर पर कच्चे चावलों को सेक कर फिर उनके आटे से बनाये जाते हे। पर हम सुविधा के लिए चावल का आटा भी काम में ले सकते हे।
केरल में पारंपरिक लड्डू गुड से बनते हे। अगर हम चाहे तो गुड की जगह चीनी भी कम में ले सकते हे।
किसी भी मिठाई में चार चाँद घी से लगता हे पर इसमें हम घी की जगह ढूढ़ या पानी भी कम में ले सकते हे।
चावल के लड्डू ( Rice Ladoo )
सामग्री -
चावल - 1 कप या चावल का आटा - 1 कप
लड्डू बाँधने के लिए -
घी - थोडा सा या ढूध - थोडा सा
गुड - 3/4 कप या चीनी - 1 कप
पीसी छोटी इलाइची - 1 छोटा चम्मच
बादाम और पिस्ता की कतरन - 2 बड़े चम्मच
गुलाबजल - 2 - 4 बूँद
विधि -
चावल ( या चावल का आटा ) को एक भारी तले की कढाई में मध्यम आंच पर सेक ले। ध्यान दे की चावल अच्छे से सिक जाये और हलके भूरे रंग के हो जाये। आप अगर चाहे तो थोडा और गहरा रंग आने तक सेक सकते हे। बस स्वाद में थोडा और कड़क स्वाद हो जायेगा जो की पूरी तरह से आप और आपके परिवार के स्वाद पर निर्भर करता हे। इसी तरह अगर आप आटा काम में ले रहे हे तो उसे भी भुन ले।
चावल भुन जाने पर उन्हें हल्का ठंडा होने के लिए रख दे फिर उन्हें एक महीन पाउडर जितना पीस ले।
अब एक कढ़ाही में नारियल को माध्यम आंच पर सेक ले। जब ये अच्छा सिक जाये तब इसमें किसा हुआ गुड डाले। और हल्का सेक ले। सिर्फ इतना ही सेकना हे की ये हल्का गरम हो जाये तो नरम होकर लड्डू बाँधने जेसा हो जाये।
लड्डू बांधना -
इस तैयार गुड के मिश्रण को चावल के आटे में मिला दे। मेवे, इलाइची पाउडर मिलाये। हाथो पर हल्का पानी लगा कर लड्डू बांधे। अगर लड्डू बंधने में दिक्कत आ रही हो लड्डू का मिश्रण सख्त हो तो इसमें ढूढ़ या घी अपने स्वाद के अनुसार इतना मिलाये जितने से मिश्रण लड्डू बंधने जेसा हो जाये। सजावट के लिए चांदी का वर्क और केसर काम में ले।
कुछ हटके -
(अगर जो बना हे उसमे से ही कुछ हटके किया जाये यानि एक तीर 2 निशाने तो मजा ही कुछ अलग हे तो बस आइये कुछ try करे)
- गुड को हल्का गरम करने के बजाये इसे चाशनी बना कर भी लड्डू बनाये जा सकते हे। इसके लिए 1 कप पानी में गुड और केसर और इलायची दल कर पकाए। इसे उबलने तक पकाए और ऊपर से चाशनी की गन्दगी को हटा कर साफ कर दे। अब इसे भुने आटे और भुने नारियल में मिला कर लड्डू बनाये।
- नारियल को आप चाहे तो बिना भुने भी काम में ले सकते हे। बस ये सब आपकी imagination और स्वाद पर हे की कितना स्ट्रोंग स्वाद आप पसंद करते हे।
- किसी से बात करते हुए मुझे ये भी पता चला की ये लड्डू तेल में तल कर भी बनाये जा सकते हे। इसके लिए चावल के आटे में नारियल और किसा हुआ गुड और मेवे मिला कर हल्का ढूढ़ या घी या पानी दाल कर लड्डू बना ले फिर इसे गरम तेल में तल ले। ठंडा होने पर खाए और खिलाये। ये मेने try नहीं किये अगर आप करे तो मुझे बताये केसे लगे। में भी try करुँगी।
तूअर दाल सूप - Toor Dal Soup - साउथ इंडियन सूप (south Indian Soup )
सर्दियों की भीनी भीनी आहट हो गयी हे। अब एक प्याली के चाय की जगह अगर हर शाम एक बाउल सूप ले तो ये हमारी एक नयी और different पहल तो होगी ही। उसके साथ ही सेहत सुधारने की तरफ हमारा नया कदम होगा। सूप के अलग अलग variation बच्चो और बड़ो दोनों को ही काफी भाते हे।
साउथ इंडियन सूप (south Indian Soup )
सामग्री -
तुअर दाल - 1 मुठी
वेजिटेबल स्टॉक - 3 कप
किसा हुआ नारियल - 2 छोटे चम्मच
अदरक - 1 छोटी गाठ
हरी मिर्च - 1
उबले चावल - 2 बड़े चम्मच
राइ - आधा छोटा चम्मच
करी पत्ता - 6 - 7
बटर या तेल - 2 छोटे चम्मच
नमक - स्वादानुसार
विधि -
वेजिटेबल स्टॉक -
सीजन में उपलब्ध सब्जिया ले ( टमाटर , पत्तागोभी, फूलगोभी, मटर, गाजर और कोई अन्य आपके पसंद के सब्जी ) इन सब सब्जियों को अच्छे से धो के काट ले। फिर इन्हें प्रेशर कूकर में 3 सीटी तक पका ले। फिर ठंडा होने पर पीस ले। अब इसे छान ले। ये जो छाना हुआ पानी हे ये वेजिटेबल स्टॉक हे।
दाल -
तुअर दाल को 2 घंटे भिगो के रख दे। अब इस भीगी दाल को 1 कटोरी पानी डाल कर पका ले। दाल पूरी तरह से गलने पर ब्लेंडर से ब्लेंड करके छान ले।
सूप -
एक फ्राइंग पेन में 1 छोटा चम्मच बटर ले और गरम करे। इसमें कुटी अदरक, कटी हरी मिर्च डाल कर हल्का भुने। अब इसमें किसा हुआ नारियल दाल कर 2 - 4 मिनट सेके। अब इसमें वेजिटेबल स्टॉक और दाल का पानी मिला ले। नमक डाले और 5 मिनिट के लिए सिम पर ढक्कन रख कर पकने दे। इससे सारे फ्लेवर आपस में बहुत ही अच्छे से मिक्स हो जायेंगे।
तड़का -
बचे हुए बटर को तड़का पेन में गरम करे। इसमें गरम होने पर राइ, करी पत्ते डाले इस तडके को सूप में मिलाये। और एक और उबाल ले कर इस गरमा गरम सूप को सब के साथ बेठ कर खाए खिलाये।
कुछ हटके -
(अगर जो बना हे उसमे से ही कुछ हटके किया जाये यानि एक तीर 2 निशाने तो मजा ही कुछ अलग हे तो बस आइये कुछ try करे)
- वेजिटेबल स्टॉक का जो छानने के बाद बचा हुआ गाढा पेस्ट हे उसमें बेसन और चावल का आटा मिला कर उसमे मनपसन्द मसाले डालिए। इसके डायरेक्ट पकोड़े बनाये जा सकते हे या इसे एक फिलिंग की तरह से इस्तेमाल करके पराठे भी बनाये जा सकते हे।
साउथ इंडियन सूप (south Indian Soup )
सामग्री -
तुअर दाल - 1 मुठी
वेजिटेबल स्टॉक - 3 कप
किसा हुआ नारियल - 2 छोटे चम्मच
अदरक - 1 छोटी गाठ
हरी मिर्च - 1
उबले चावल - 2 बड़े चम्मच
राइ - आधा छोटा चम्मच
करी पत्ता - 6 - 7
बटर या तेल - 2 छोटे चम्मच
नमक - स्वादानुसार
विधि -
वेजिटेबल स्टॉक -
सीजन में उपलब्ध सब्जिया ले ( टमाटर , पत्तागोभी, फूलगोभी, मटर, गाजर और कोई अन्य आपके पसंद के सब्जी ) इन सब सब्जियों को अच्छे से धो के काट ले। फिर इन्हें प्रेशर कूकर में 3 सीटी तक पका ले। फिर ठंडा होने पर पीस ले। अब इसे छान ले। ये जो छाना हुआ पानी हे ये वेजिटेबल स्टॉक हे।
दाल -
तुअर दाल को 2 घंटे भिगो के रख दे। अब इस भीगी दाल को 1 कटोरी पानी डाल कर पका ले। दाल पूरी तरह से गलने पर ब्लेंडर से ब्लेंड करके छान ले।
सूप -
एक फ्राइंग पेन में 1 छोटा चम्मच बटर ले और गरम करे। इसमें कुटी अदरक, कटी हरी मिर्च डाल कर हल्का भुने। अब इसमें किसा हुआ नारियल दाल कर 2 - 4 मिनट सेके। अब इसमें वेजिटेबल स्टॉक और दाल का पानी मिला ले। नमक डाले और 5 मिनिट के लिए सिम पर ढक्कन रख कर पकने दे। इससे सारे फ्लेवर आपस में बहुत ही अच्छे से मिक्स हो जायेंगे।
तड़का -
बचे हुए बटर को तड़का पेन में गरम करे। इसमें गरम होने पर राइ, करी पत्ते डाले इस तडके को सूप में मिलाये। और एक और उबाल ले कर इस गरमा गरम सूप को सब के साथ बेठ कर खाए खिलाये।
कुछ हटके -
(अगर जो बना हे उसमे से ही कुछ हटके किया जाये यानि एक तीर 2 निशाने तो मजा ही कुछ अलग हे तो बस आइये कुछ try करे)
- वेजिटेबल स्टॉक का जो छानने के बाद बचा हुआ गाढा पेस्ट हे उसमें बेसन और चावल का आटा मिला कर उसमे मनपसन्द मसाले डालिए। इसके डायरेक्ट पकोड़े बनाये जा सकते हे या इसे एक फिलिंग की तरह से इस्तेमाल करके पराठे भी बनाये जा सकते हे।
बालो की देखभाल - सर्दियों में ( Hair care in winter )
वेसे तो हर मौसम हर महीना ही हमारे लिए हमारी skin और बालो के लिए important हे। लेकिन मौसम के अनुसार अपनी त्वचा, बाल और शरीर की देखभाल उनकी खूबसूरती को और बढ़ा देता हे। सर्दियो में ठंडी तेज़ हवाए और सुखा मौसम हमारे बालो को पूरी तरह से बेजान बना देता हे। बालो का natural oil इस मौसम में इतना पर्याप्त नहीं होता की वो प्राकृतिक तौर पर बालो को खूबसूरत और मजबूत बना सके। तो चलिए कुछ घरेलु नुस्खे अजमा कर बालो की खूबसूरती सर्दियों में भी बढाई जाये।
ध्यान देने योग्य बाते -
1. बालो पर एक दम गरम temperature नहीं use करे। चाहे वो बाल सुखाने के लिए हेयर ड्रायर का उपयोग हो या चाहे बालो को स्टाइल करने के लिए styling मशीन का उपयोग हो।
2. बालो को धोने के लिए नार्मल से थोडा गरम पानी ही use करे। ज्यादा गरम पानी से बाल रूखे और dandruff होने के चांसेस काफी बढ़ जाते हे।
3. बाहर जाने से पहले अगर हो सके तो अपने बालो को बांध कर रखे। एक पोनी टेल या चोटी बांध कर जाये। या फिर बालो को एक सिल्क स्कार्फ से ढक कर निकले।
4. एक अच्छी कंपनी की moisturizing क्रीम या हेयर सीरम अपने बालो पर use करे।
ध्यान देने योग्य बाते -
1. बालो पर एक दम गरम temperature नहीं use करे। चाहे वो बाल सुखाने के लिए हेयर ड्रायर का उपयोग हो या चाहे बालो को स्टाइल करने के लिए styling मशीन का उपयोग हो।
2. बालो को धोने के लिए नार्मल से थोडा गरम पानी ही use करे। ज्यादा गरम पानी से बाल रूखे और dandruff होने के चांसेस काफी बढ़ जाते हे।
3. बाहर जाने से पहले अगर हो सके तो अपने बालो को बांध कर रखे। एक पोनी टेल या चोटी बांध कर जाये। या फिर बालो को एक सिल्क स्कार्फ से ढक कर निकले।
4. एक अच्छी कंपनी की moisturizing क्रीम या हेयर सीरम अपने बालो पर use करे।
कुछ और नोट करने की बाते -
तेल का उपयोग (Oiling ) - सर्दियों में हमारी सर की त्वचा काफी dry हो जाती हे इसलिए रेगुलर oiling जरुरी हे बालो को मजबूत रखने के लिए। जरुरी नहीं की बालो को कई घंटो तक तेल लगा कर रखा जाये। 15 मिनिट की
अच्छी मालिश के बाद 1 या 2 घंटे तेल लगे बालो को अच्छे शैम्पू से धो सकते हे। तेल लगाने के बाद अगर भाप दे जाये सर की त्वचा में तो बालो का पोषण और भी बढ़ जाता हे। भाप देने के लिए गरम पानी में तौलिया डुबो कर उसे निचोड़ कर सर पर रखे। ठंडा होने पर दुबारा ऐसा करे।
Oiling tip - dry बालो में हमेशा इतना तेल लगाये की जेसे वो तेल काफी हद तक डूब गए हे। फिर उसे 1 घंटे बाद धो दे। ज्यादा शैम्पू use न करे। बालो में natural कंडीशनिंग हो जाएगी।
सही तरह से धोये (Washing ) - बालो को अच्छे शैम्पू से धोना जरुरी हे। बालो को हलके गरम पानी से किसी mild शैम्पू से धोये। शैम्पू लेते समय ये देख ले की उसमे SPF की मात्र कम से कम हो या हो सके तो न हो। वेसे ज्यादा मात्रा में शैम्पू use न करे। और जब तक जरुरी न हो धोते समय सिर्फ एक ही बार शैम्पू use करे। हर बार सारा oil बालो से निकलना जरुरी नहीं क्युकी ये एक्स्ट्रा तेल ही बालो को अगली बार तक मुलायम बनाये रखता हे। लेकिन इतना तेल भी नहीं रहे की वो धुल और मिटटी खेचे और बालो में गन्दगी बढे जिससे dandruff होगी।
कंडीशनिंग (conditioning ) - अगर बाल ज्यादा दरी हे तो एक अच्छा rich कंडीशनर use करे। उसके बाद जब बल हलके सुख जाये तब उस पर सीरम प्रयोग करे। अगर धोने से पहले बालो में तेल काफी अच्छे से लगाया हुआ था तो कंडीशनर न उसे करके डायरेक्ट सीरम उपयोग में ले। आजकल कई बड़े हेयर ड्रेसर कंडीशनर के बजाये डायरेक्ट moisturizing क्रीम या सीरम प्रयोग करने के लिए सलाह देते हे। क्योकि प्राकृतिक तेल ज्यादा उपयोगी हे। इसीलिए कंडीशनर से बालो को ज्यादा oily नहीं बनाये।
सुखाना - ये हम पहले ही बात कर चुके हे की बालो को प्राकृतिक तौर पर ही सूखने दे। अगर जरुरी न हो तो तेज धुप या ब्लो ड्रायर का उपयोग न करे।
स्कार्फ - सर्दियों में ठण्ड से बचने के लिए हम वूलन टोपी या स्कार्फ प्रयोग में लेते हे। लेकिन इससे बल टूटने की संभावना काफी बढ़ जाती हे। इसलिए कोशिश करे की सिल्क का स्कार्फ use करे।
घरेलु नुस्खे -
बाल झड़ना (hair fall ) - 2 छोटे प्याज को कास कर उसका रस निकाल ले इसमें 2 चम्मच शहद मिला ले। अब इस रस को बालो की जड़ो में 15 मिनिट के लिए लगा कर छोड़ दे। 15 मिनिट बाद शैम्पू से अच्छी तरह से धो ले। पहली ही बार से आपको फर्क दिखने लगेगा।
बाल उगाना - ऊपर लिखे प्याज़ और शहद के मिश्रण में हरे धनिया का रस मिला ले। इसके नियमित उपयोग से काफी असर दिखने लगता हे।
dandruff - 1.प्याज और शहद का रस एक बेजोड़ उपाय हे dandruff मिटने के लिए।
2. olive oil - लौंग का तेल हल्का गरम करके उससे मालिश करे। ये daundruff हटाएगा ही और बालो को एक बेहतर कंडीशनिंग भी देगा।
3. नीम की पत्तिया - नीम की पत्तियों को उबाल कर उसे छान ले। इस पानी से बाल धो ले। ये एक बहुत ही अच्छा एंटीसेप्टिक हे। क्योकि dandruff भी एक तरह का फंगस हे तो ये काफी असरदार होता हे।
कंडीशनिंग (conditioning ) - 1. शहद का पैक - बालो को अच्छे से ब्रश करने के बाद उन पर शहद का पैक लगाये। इसके लिए 2 चम्मच शहद में 1 चम्मच गरम पानी मिला कर उसे थोडा पतला कर ले। फिर इसे एक ब्रश की सहायता से जड़ो से लेकर अंत तक लगा ले। 20 मिनिट रखने के बाद हलके गरम पानी से धो ले।
2. केला पैक - आधा केला, 1 चम्मच लौंग का तेल ( olive oil ), आधा कप दही इसे ब्लेंडर में मिक्स कर ले। अब इस पैक को आधे घंटे के लिए बालो में लगा ले। फिर हलके गरम पानी से धो ले।
ये सब आपके लिए कितना उपयोगी था ये अगर आप मेरे साथ शेयर करे। ताकि में और भी ज्यादा उत्साह के साथ अगली बार कुछ और खोज खबर करके सब के साथ शेयर कर सकू।
बाल झड़ना (hair fall ) - 2 छोटे प्याज को कास कर उसका रस निकाल ले इसमें 2 चम्मच शहद मिला ले। अब इस रस को बालो की जड़ो में 15 मिनिट के लिए लगा कर छोड़ दे। 15 मिनिट बाद शैम्पू से अच्छी तरह से धो ले। पहली ही बार से आपको फर्क दिखने लगेगा।
बाल उगाना - ऊपर लिखे प्याज़ और शहद के मिश्रण में हरे धनिया का रस मिला ले। इसके नियमित उपयोग से काफी असर दिखने लगता हे।
dandruff - 1.प्याज और शहद का रस एक बेजोड़ उपाय हे dandruff मिटने के लिए।
2. olive oil - लौंग का तेल हल्का गरम करके उससे मालिश करे। ये daundruff हटाएगा ही और बालो को एक बेहतर कंडीशनिंग भी देगा।
3. नीम की पत्तिया - नीम की पत्तियों को उबाल कर उसे छान ले। इस पानी से बाल धो ले। ये एक बहुत ही अच्छा एंटीसेप्टिक हे। क्योकि dandruff भी एक तरह का फंगस हे तो ये काफी असरदार होता हे।
कंडीशनिंग (conditioning ) - 1. शहद का पैक - बालो को अच्छे से ब्रश करने के बाद उन पर शहद का पैक लगाये। इसके लिए 2 चम्मच शहद में 1 चम्मच गरम पानी मिला कर उसे थोडा पतला कर ले। फिर इसे एक ब्रश की सहायता से जड़ो से लेकर अंत तक लगा ले। 20 मिनिट रखने के बाद हलके गरम पानी से धो ले।
2. केला पैक - आधा केला, 1 चम्मच लौंग का तेल ( olive oil ), आधा कप दही इसे ब्लेंडर में मिक्स कर ले। अब इस पैक को आधे घंटे के लिए बालो में लगा ले। फिर हलके गरम पानी से धो ले।
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मटर पुलाव (Peas Pulav / Matar Pulav )
मटर पुलाव ( Matar Pulav ) |
सर्दी हो या गर्मी किसी भी पार्टी में या कभी अगर मेहमानों को यु ही खाने पर बुलाया हो तो खाने में चावल का अपना अलग ही जगह हे। ऐसे में अगर सादे चावलों की जगह उनमे कुछ और स्वाद मिला कर बनाया जाये तो मजा और भी बढ़ जाता हे। तो आज कुछ सिम्पल और फटाफट चावल की रेसिपी बनाते हे।
मटर पुलाव
सामग्री -
चावल - 2 छोटी कटोरी
मटर - 3/4 छोटी कटोरी
देसी घी - 2 बड़े चम्मच
लौंग - 2
छोटी इलाइची - 1
दालचीनी - छोटा टुकड़ा
काली मिर्च - 2 - 3
जीरा - छोटा आधा चम्मच
नमक - स्वादानुसार
पानी - 4 छोटी कटोरी
चावलों को अच्छे से पानी से धोकर आधे घंटे के लिए भिगो के रख दे। अब एक पेन में घी गरम करे उसमे जीरा और सारे खड़े गरम मसाले डाल ले। जीरे की खुशबू आने पर उसमे मटर ड़ाल कर हल्का तल ले। अब इसमें चावल मिला कर हलके हाथो से हिला ले। चावल हल्का भून जाने पर चावल से दुगनी मात्रा में पानी मिला कर तेज आंच पर उबाल आने दे। अब एक उबाली के बाद इसे ढक कर सिम आंच पर 10 मिनिट के लिए पकने दे। 10 मिनिट बाद एक बार देख ले हल्का हिला कर की चावल पके हे या नहीं। अगर पक गए तो आंच बंद करके ढक्कन लगा कर 1 मिनिट के लिए ऐसे ही रख दे।
फिर गरमा गरम पुलाव परोस कर मजा ले।
Sunday, 9 June 2013
गर्मी में बार बार प्यास लगने के लिए कुछ नुस्खे -
Homemade Tips/ Nuskhe --> Life Style
गर्मी में बार बार प्यास लगने के लिए कुछ नुस्खे -
गर्मी के मौसम में शरीर का जल का अंश कम हो जाता है, वातावरण की गर्मी व धूप से वह तपने लगता है। ऐसे में प्यास बढ़ जाती है, बार-बार पानी पीने से भी प्यास शांत नहीं होती, ऐसे में निम्नलिखित प्रयोग करें-
1 पानी में शहद मिलाकर कुल्ला करने या लौंग को मुँह में रखकर चूसने से बार-बार लगने वाली प्यास शांत होती है।
2 अनन्नास का ऊपरी छिलका और भीतरी कठोर भाग निकाल कर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर, इन टुकड़ों को पानी में पकाकर नरम बनाएँ और फिर चीनी की चाशनी बनकर उसमें डाल दें। इस मुरब्बे का सेवन करने से प्यास बुझती है तथा शरीर की जलन शांत होती है, इससे हृदय को बल मिलता है।
3 गाय के दूध से बना दही 125 ग्राम, शकर 60 ग्राम, घी 5 ग्राम, शहद 3 ग्राम व काली मिर्च-इलायची चूर्ण 5-5 ग्राम लें। दही को अच्छी तरह मलकर उसमें अन्य पदार्थों को मिलाएँ और किसी स्टील या कलई वाले बर्तन में रख दें। उसमें से थोड़ा-थोड़ा दही सेवन करने से बार-बार लगने वाली प्यास शांत होती है।
4 जौ के भुने सत्तू को पानी में घोलकर, उसमें थोड़ा सा घी मिलाकर पतला-पतला पीने से भी प्यास शांत होती है।
5 चावल के मांड में शहद मिलाकर पीने से भी तृष्णा रोग में आराम मिलता है।
गर्मी में बार बार प्यास लगने के लिए कुछ नुस्खे -
गर्मी के मौसम में शरीर का जल का अंश कम हो जाता है, वातावरण की गर्मी व धूप से वह तपने लगता है। ऐसे में प्यास बढ़ जाती है, बार-बार पानी पीने से भी प्यास शांत नहीं होती, ऐसे में निम्नलिखित प्रयोग करें-
1 पानी में शहद मिलाकर कुल्ला करने या लौंग को मुँह में रखकर चूसने से बार-बार लगने वाली प्यास शांत होती है।
2 अनन्नास का ऊपरी छिलका और भीतरी कठोर भाग निकाल कर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर, इन टुकड़ों को पानी में पकाकर नरम बनाएँ और फिर चीनी की चाशनी बनकर उसमें डाल दें। इस मुरब्बे का सेवन करने से प्यास बुझती है तथा शरीर की जलन शांत होती है, इससे हृदय को बल मिलता है।
3 गाय के दूध से बना दही 125 ग्राम, शकर 60 ग्राम, घी 5 ग्राम, शहद 3 ग्राम व काली मिर्च-इलायची चूर्ण 5-5 ग्राम लें। दही को अच्छी तरह मलकर उसमें अन्य पदार्थों को मिलाएँ और किसी स्टील या कलई वाले बर्तन में रख दें। उसमें से थोड़ा-थोड़ा दही सेवन करने से बार-बार लगने वाली प्यास शांत होती है।
4 जौ के भुने सत्तू को पानी में घोलकर, उसमें थोड़ा सा घी मिलाकर पतला-पतला पीने से भी प्यास शांत होती है।
5 चावल के मांड में शहद मिलाकर पीने से भी तृष्णा रोग में आराम मिलता है।
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